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bewafa ko name mat batana Varna mujhse muh chura lengi - Ishq mein barbad huye Shayari


 bewafa ko name mat batana Varna mujhse muh chura lengi - Ishq mein barbad huye Shayari 

वो बेवफा हमारा इम्तेहा क्या लेगी… 💔 मिलेगी नज़रो से नज़रे तो अपनी नज़रे ज़ुका लेगी… उसे मेरी कबर पर दीया मत जलाने देना… वो नादान है यारो… अपना हाथ जला लेगी



 


कोई हुनर, कोई राज, कोई रविश, कोई तो तरीका बताओ 💔दिल टूटे भी ना, साथ छूटे भी ना, कोई रुठे भी ना और जिदंगी गुजर जाए..

मुदत बाद मिले, तो मेरा नाम पूंछ लिया उसने ,, बिछड़ते वक़्त जिसने कहा था, की तुम याद बहुत आओगे…

कोई खुशियों की चाह में रोया कोई दुखों की पनाह में रोया.. अजीब सिलसिला हैं ये ज़िंदगी का.. कोई भरोसे के लिए रोया.. कोई भरोसा कर के रोया..


गम ना कर ज़िंदगी बहुत बड़ी है, चाहत की महफ़िल तेरे लिए सजी है, बस एक बार मुस्कुरा कर तो देख, तक़दीर खुद तुझसे मिलने बाहर खड़ी है…

दर्द 💔से हाथ न मिलाते तो और क्या करते, गम के आंसू न बहते तो और क्या करते, उसने मांगी थी हमसे रौशनी की दुआ, हम खुद को न जलाते तो और क्या करते!

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